Shab E Meraj Ki Namaz Ka Tarika, Rakat, Niyat सब कुछ जानें – [2025]

आज यहां आप Shab E Meraj Ki Namaz Ka Tarika बहुत ही आसानी से जानेंगे क्योंकी हमने यहां पर शब ए मेराज की नमाज पढ़ने का सही तरीक़ा, नियत, रकात सभी चीजें बहुत ही स्पष्ट और आसान लफ़्ज़ों में बताया है।

इसे पढ़ने के बाद आप बहुत ही आसानी शब ए मेराज की नमाज अदा कर पाएंगे फिर इसके बाद आपको कहीं पर भी शब ए मेराज की नमाज अदा करने का तरीका ढूंढनी नहीं पड़ेगी इसीलिए आप यहां पे पुरा ध्यान से पढ़ें।

Shab E Meraj Ki Namaz Ka Tarika

शब ए मेराज की रात 2-2 रकात की नियत से नमाज़ पढ़ेंगे जिस तरह से हमने नीचे में बताया है आप यहाँ पर ध्यान से पढ़ कर समझ लें।

इसके बाद आप आसानी से शबे मेराज की नमाज़ पढ़ सकेंगे क्यूंकि हमने यहां दोनों रकातों को एक एक करके स्टेप बाय स्टेप बताया है।

Shab E Meraj Ki Namaz Ka Tarika – पहली रकात

  1. पहले शब ए मेराज की 2 रकात नमाज की नियत कर लें।
  2. हमने नीचे शब ए मेराज की नमाज की नियत भी बताई है।
  3. फिर इसके बाद अल्लाहु अकबर कह कर हांथ बांध लेंगे।
  4. इसके बाद सना यानी सुब्हान क अल्लाहुम्म पुरा पढ़ेंगे।
  5. अब तअव्वुज यानी अउजुबिल्लाहि मिनश शैतानिर्रजीम पढ़ें।
  6. फिर तस्मियह यानी बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहीम पढ़ें।
  7. अब इसके बाद सुरह फातिहा यानि अल्हम्दु शरीफ को पढ़े।
  8. सूरह फातिहा पूरा पढ़ कर आहिस्ते से आमिन भी कहेंगे।
  9. फिर सुरह इख्लास कुल हू वल्लाहु शरीफ 3 तीन बार पढ़े।
  10. अब अल्लाहु अकबर कहते हुए रूकूअ में जाएंगे।
  11. यहां रूकूअ में 3 बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ेंगे।
  12. इसके बाद समिअल्लाहु लिमन हमिदह कहते हुए उठें।
  13. फिर उठ जाने पर रब्बना लकल हम्द भी कहेंगे।
  14. अब अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दा में जाएंगे।
  15. सज्दे में कम से कम 3 बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
  16. इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए उठ कर बैठ जाएं।
  17. फिर तुरंत अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी सज्दा करेंगे।
  18. दुसरी सज्दा में भी 3 बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ेंगे।
  19. यहां तक आपकी शब ए मेराज की 1 रकात नमाज़ हो गई।
  20. अब अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी रकात के लिए खड़े हो जाएं।

Shab E Meraj Ki Namaz Ka Tarika – दूसरी रकात

  1. यहां पर अउजुबिल्लाह और बिस्मिल्लाह पढ़ेंगे।
  2. फिर सूरह फातिहा पुरा पढ़ेंगे और आमिन कहेंगे।
  3. यहां भी सुरह इख्लास को 3 तीन मरतबा पढ़ना है।
  4. अब अल्लाहु अकबर कहते हुए रूकूअ में जाएंगे।
  5. यहां रूकूअ में 3 बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ेंगे।
  6. इसके बाद समिअल्लाहु लिमन हमिदह कहते हुए उठें।
  7. फिर उठ जाने पर रब्बना लकल हम्द भी कहेंगे।
  8. अब अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे में जाएंगे।
  9. सज्दे में कम से कम 3 बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
  10. इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए उठ कर बैठ जाएं।
  11. फिर तुरंत अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी सज्दा करेंगे।
  12. दुसरी सज्दा में भी 3 बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ेंगे।
  13. दुसरी सज्दा मुकम्मल करने के बाद अब आप।
  14. अल्लाहु अकबर कहते हुए तशह्हुद के लिए बैठ जाएंगे।
  15. इसके बाद अत्तहिय्यात यानी तशह्हुद को पुरा पढ़ेंगे।
  16. अत्तहिय्यात पढ़ते हुए जब अश्हदु ला पर पहुंचे।
  17. तो दाहिने हाथ से शहादत उंगली को खड़ा करेंगे।
  18. फिर इल्लाहा पर उंगली गिरा कर सीधी कर लेंगे।
  19. इसके बाद दुरूद शरीफ में दुरूदे इब्राहिम को पढ़ें।
  20. फिर इसके बाद दुआए मासुरह को पढ़ेंगे।
  21. अब आप इसके बाद सलाम फेर लेंगे।
  22. सबसे पहले अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहते हुए दाहिने तरफ गर्दन घुमाएं।
  23. फिर अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहते हुए बाएं जानिब गर्दन को घुमाएं।

यहां तक आपकी शब ए मेराज की नमाज की दूसरी रकात भी पुरी हो गई और नमाज मुकम्मल हो जाएगी।

अब सलाम फेरने के बाद 125 एक सौ पच्चीस बार दुरूद शरीफ पढ़े आपको जो भी दुरूद ए पाक आपको याद हो।

इस बात को याद रखें कि इसी तरह 2 – 2 रकात की नियत से 12 रकात रात में शब ए मेराज की नमाज अदा करेंगे।

शब ए मेराज की नमाज पढ़ने का सही तरीका

हमने जिस तरह से 12 रकात शब ए मेराज की नमाज आपको 2 – 2 रकात करके बताया इसे याद रखें और भी नमाज अदा करनी है जो नीचे बता रहे हैं।

एक 2 रकात की शब ए मेराज की रात नमाज पढ़ें जिसमें आप पहली रकात में सूरह फातिहा के साथ आयतुल कुर्सी एक बार पढ़ें।

दूसरी रकात में सूरह फातिहा के बाद ल-कद् जा -अकुम् एक बार पढ़ें बाकी रुकुअ और सज्दा सभी नमाज के जैसा ही करके मुकम्मल करें।

इस तरह से सिर्फ दो रकात नमाज ही पढ़े इस तरह से दो रकात की नफ्ल नमाज़ को मुकम्मल कर लेने के बाद 100 मरतबा इस्तिग्फार पढें।

अब फिर से 2 – 2 रकात की नियत से 12 रकात नमाज इस तरह अदा करें कि हर रकात में सुरह फातिहा पढ़ने के बाद 5 मरतबा सुरह इख्लास पढ़ें।

इस तरह 12 रकात नमाज पढ़ेंगे और दोनों रकात मुकम्मल करके 100 मरतबा पहला कलमा यानी ‘ला इलाहा इल्लल्लाहु मुहम्मदुर रसुलुल्लाह’ पढ़ेंगे।

फिर से 4 रकात 2 – 2 रकात कीनियत से नमाज इस तरह अदा करें कि हर रकात में सुरह फातिहा पढ़ने के बाद 7 मरतबा सुरह इख्लास पढ़ें।

इस तरह 4 रकात नमाज पढ़ेंगे और दोनों रकात मुकम्मल करके 100 मरतबा तीसरा कलमा यानी कलमए तम्जिद यहां पर पढ़ना है हर 2 रकात के बाद।

इसके बाद 2 रकात शब ए मेराज की रात इस तरह से नमाज पढ़ें कि हर रकात में सुरह फातिहा पढ़ने के बाद 3 बार सुरह काफिरून पढ़ेंगे।

अगर आप से हो सके तो इस रात एक 4 रकात की सलातुल तस्बीह की नमाज भी पढ़ लें जी हां इसकी भी फजीलत बहुत ही आला है।

Shab E Meraj Ki Namaz Ki Niyat

नियत की मैने 2 रकात नमाज़ शब ए मेराज की नफ्ल वास्ते अल्लाह तआला के रूख मेरा काअबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।

इसका अरबी में इस तरह से नियत करेंगे

नवैतुवन उसल्लीय लिल्लाही तआला रकाति सलावतिल नफ्ली मुतवाजि़हन इल्लाजिहातिल काअबतिश सरीफती अल्लाहू अकबर।

गौर करने की बात:- हर दो रकात शब ए मेराज की नमाज़ की नियत इसी तरह करें।

Shab E Meraj Ki Namaz Ki Rakat

अगर आप पुरा पैगाम ध्यान से पढ़ें होंगे तो आपको यह बात मालूम हो गया होगा शब ए मेराज की रात में इतनी तादाद की रकात में नमाज हमें अदा करनी है।

शब ए मेराज की रात सबसे पहले 2 – 2 रकात की नियत से 12 रकात फिर 2 रकात, फिर 2 – 2 करके 12 रकात, फिर 4 रकात 2 की नियत से अदा करेंगे।

इसके बाद 2 रकात नमाज अदा करें और चाहें तो 4 रकात भी सलातुल तस्बीह की अदा कर लें हालांकि इस शब ए मेराज में कोई रकात की फिक्स नहीं है।

FAQs

शबे मेराज में कौन सी नमाज पढ़ी जाती है?

शबे मेराज में नफ्ल की नमाज पढ़ी जाती है।

शबे मेराज में कितनी रकात नमाज होती है?

शबे मेराज में रकात की कोई फिक्स नहीं है

अंतिम लफ्ज़

मेरे प्यारे मोमिनों आप ने अब तक तो शब ए मेराज की नमाज अदा करना सिख ही गए होंगे अगर आपके मन में कोई सवाल हो तो आप हमसे कॉमेंट करके पूछ सकते हैं और इस बात को ज्यादा से ज्यादा लोगों के बीच शेयर करें जिसे वो भी सही से शब ए मेराज की नमाज पढ़ सकें।

एक बात और अगर कहीं पर आपको गलत लगा हो या कहीं कुछ छूट गई हो तो भी आप हमें कॉमेंट करके इनफॉर्म करें ताकि हम अपनी गलतियां सुधार सकें हम सब से छोटी बड़ी गलतियां होती रहती है इस के लिए आप को हम सब का रब जरूर अज्र देगा इंशाल्लाह तआला।

Shah Noor is an Islamic scholar and educator with expertise in Islamic knowledge, including Quranic studies, Hadith, and Islamic law. He has over six years of experience in teaching and writing about Islamic theology.

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