आज यहां आप Maghrib Ki Namaz Ki Niyat हिंदी और अरबी में जानेंगे हमने यहां पर मगरिब की नमाज की हिंदी और अरबी नियत साफ़ और आसान लफ़्ज़ों में लिखा है जिसे आप आसानी से समझ जाएंगे।
इसे पढ़ने के बाद आप आसानी से मगरिब की नमाज की नियत कर पाएंगे फिर इसके बाद आपको कहीं पर मगरिब की नमाज की नियत ढूढ़नी नहीं पड़ेगी इसीलिए आप यहां पर ध्यान से पुरा पढ़ें और समझें।
Maghrib Ki Namaz Ki Niyat
आप भी इस बात को जानते ही होंगे कि मगरिब की नमाज में फर्ज, सुन्नत, और नफ्ल मिलाकर कुल 7 रकात नमाज अदा की जाती है।
सबसे पहले मगरिब की नमाज की 3 रकात फर्ज, इसके बाद 2 रकात सुन्नत और आख़िर में 2 रकात नफिल की नियत से नमाज पढ़ी जाती है।
मगरिब की 3 रकात फर्ज की हिंदी नियत
नियत की मैने 3 रकात नमाज मगरिब की फर्ज़ वास्ते अल्लाह ताअला के मुंह मेरा काअबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।
मगरिब की 3 रकात फर्ज की अरबी नियत
नवैतुवन उसल्लीय लिल्लाही तआला सलस् रकाति सलावति मग़रिबी फर्जुलल्लाहे मुतवाजिहन इला जिहातिल काअबतिस शरीफते अल्लाहु अकबर।
मगरिब की 2 रकात सुन्नत की हिंदी नियत
नियत की मैने 2 रकात नमाज मगरिब की सुन्नत रसुले पाक कि वास्ते अल्लाह ताअला के मुंह मेरा काअबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।
मगरिब की 2 रकात सुन्नत की अरबी नियत
नवैतुवन उसल्लीय लिल्लाही तआला रकाति सलावति मग़रिबी सुन्नत रसुलल्लाहे मुतवाजिहन इला जिहातिल काअबतिस शरीफते अल्लाहु अकबर।
मगरिब की 2 रकात नफिल की हिंदी नियत
नियत की मैने 2 रकात नमाज मगरिब की नफ्ल की वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काअबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।
मगरिब की 2 रकात नफिल की अरबी नियत
नवैतुवन उसल्लीय लिल्लाही तआला रकाति सलावति नफ्ली मुतवाजिहन इला जिहातिल काअबतिस शरीफते अल्लाहु अकबर।
मगरिब की नमाज की नियत कैसे बांधे?
नियत करने के बाद अल्लाहू अकबर कहते हुए अपने हाथों को उठाएं अगर आप औरत हैं तो हांथ को कांधे तक उठा कर फिर नीचे सीने पर ला कर बांध लें।
अगर आप एक पुरुष हजरात हैं तो आप अपने हाथों को कान तक उठाएं और कान की लौ छू कर नीचे लाकर नाफ के नीचे बांध लें।
यह बात औरत और मर्द दोनों के लिए है कि सबसे नीचे बाईं हथेली रखें उसके उपर दाहिना हांथ रखें तीन उंगली उपर रखें और दो उंगली से उपर नीचे पकड़ लें।
नियत में ध्यान देने योग्य बातें
- अगर आप जमात के साथ नमाज पढ़ेंगे तो आप हिंदी नियत में वास्ते अल्लाह तआला के बाद पीछे इस इमाम के बोल कर आगे की लफ्ज पढ़ के नियत बांधेंगे।
- अरबी नियत में इकत दयतू बिहाजल इमाम के बाद मुतवाजि़हन इल्लाजिहातिल काअबतिश शरीफते कहेंगे इसके बाद अल्लाहू अकबर कह कर नियत बांधेंगे।
- एक बात यह भी मालूम होना चाहिए कि जबान से नियत नहीं भी करेंगे तो भी हो जाती है नियत का दिल में इरादा होना ही काफी होता है।
अंतिम लफ्ज़
मेरे प्यारे मोमिनों आप ने अब तक तो मगरिब की नमाज की नियत और नियत का सही तरीका भी समझ गए होंगे हमने यहां पर नियत की दोनो किस्म को अरबी और हिंदी में पेश किया था जिसे आप अपने मुताबिक जो अच्छा लगे उसे पढ़ कर नमाज़ आसानी से शुरू कर सकें।
अगर इसके बाद भी कोई डाउट हो तो आप कॉमेंट करके हमसे जरूर पूछें साथ ही कहीं टाइपिंग मिस्टेक या कुछ गलत लगे तो तो भी इनफॉर्म करें साथ ही अपने दोस्तों अहबाबों को भी बता कर सवाब हासिल करें इस के लिए आप को हम सब का रब जरूर अज्र देगा इंशाल्लाह तआला।
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