आज यहां पर आप Johar Ki Namaz Ki Niyat हिंदी और अरबी में जानेंगे हमने यहां पर जोहर की नमाज़ की हिंदी और अरबी नियत साफ़ और आसान लफ़्ज़ों में लिखा है जिसे आप आसानी से समझ जाएंगे।
इसे पढ़ने के बाद आप आसानी से जोहर की नमाज़ की नियत कर पाएंगे फिर इसके बाद आपको कहीं पर जोहर की नमाज़ की नियत ढूढ़नी नहीं पड़ेगी इसीलिए आप यहां पर ध्यान से पुरा पढ़ें और समझें।
Johar Ki Namaz Ki Niyat
आप भी इस बात से वाकिफ होंगे कि जोहर की नमाज़ में फर्ज सुन्नत और नफ्ल मिला कर 12 रकात नमाज अदा की जाती है सभी का नियत समझ लें।
सबसे पहले 4 रकात सुन्नत, फिर 4 रकात फर्ज, फिर 2 रकात सुन्नत, इसके बाद आखिर में 2 रकात नफ्ल जोहर की नमाज़ में पढ़ी जाती है।
जोहर की 4 रकात सुन्नत नमाज़ की हिंदी नियत
नियत की मैने 4 रकात नमाज़ जोहर की सुन्नत रसूले पाक की वास्ते अल्लाह तआला के रुख मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।
जोहर की 4 रकात सुन्नत नमाज़ की अरबी नियत
नवैतुवन उसल्लीय लिल्लाही तआला आरबा रकाति सलावतिल जोहरी सुन्नत रसुलल्लाहे मुतवाजि़हन इल्लाजिहातिल काअबतिश शरीफते अल्लाहू अकबर।
जोहर की 4 रकात फर्ज नमाज़ की हिंदी नियत
नियत की मैने नमाज़ जोहर की 4 रकात फर्ज़ वास्ते अल्लाह तआला के रुख मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।
जोहर की 4 रकात फर्ज नमाज़ की अरबी नियत
नवैतुवन उसल्लीय लिल्लाही तआला आरबा रकाति सलावतिल जोहरी फर्जुलल्लाहे तआला मुतवाजि़हन इल्लाजिहातिल काअबतिश शरीफते अल्लाहू अकबर।
जोहर की 2 रकात सुन्नत नमाज़ कि हिंदी नियत
नियत कि मैने 2 रकात नमाज़ जोहर की सुन्नत रसूले पाक की फर्ज़ के बाद वास्ते अल्लाह तआला के रूख मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।
जोहर की 2 रकात सुन्नत नमाज़ कि अरबी नियत
नवैतुवन उसल्लीय लिल्लाही तआला रकाति सलावतिल जोहरी सुन्नत रसुलल्लाहे मुतवाजि़हन इल्लाजिहातिल काअबतिश शरीफते अल्लाहू अकबर।
जोहर की 2 रकात नफिल नमाज़ की हिंदी नियत
नियत कि मैंने 2 रकात नमाज जोहर की नफ्ल वास्ते अल्लाह तआला के रूख मेरा काअबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।
जोहर की 2 रकात नफिल नमाज़ की अरबी नियत
नवैतुवन उसल्लीय लिल्लाही तआला रकाति सलावतिल नफ्ली मुतवाजि़हन इल्लाजिहातिल काअबतिश सरीफत्ही अल्लाहू अकबर।
जोहर की नमाज की नियत कैसे करें ?
नियत करने के बाद अल्लाहू अकबर कहते हुए अपने हाथों को उठाएं अगर आप औरत हैं तो हांथ को कांधे तक उठा कर फिर नीचे सीने पर ला कर बांध लें।
अगर आप एक पुरुष हजरात हैं तो आप अपने हाथों को कान तक उठाएं और कान की लौ छू कर नीचे लाकर नाफ के नीचे बांध लें।
यह बात औरत और मर्द दोनों के लिए है कि सबसे नीचे बाईं हथेली रखें उसके उपर दाहिना हांथ रखें तीन उंगली उपर रखें और दो उंगली से उपर नीचे पकड़ लें।
नियत में ध्यान देने योग्य बातें
अगर आप जमात के साथ नमाज पढ़ेंगे तो आप हिंदी नियत में वास्ते अल्लाह तआला के बाद पीछे इस इमाम के बोल कर आगे की लफ्ज पढ़ के नियत बांधेंगे।
अरबी नियत में इकत दयतू बिहाजल इमाम के बाद मुतवाजि़हन इल्लाजिहातिल काअबतिश शरीफते कहेंगे इसके बाद अल्लाहू अकबर कह कर नियत बांधेंगे।
एक बात यह भी मालूम होना चाहिए कि जबान से नियत नहीं भी करेंगे तो भी हो जाती है नियत का दिल में इरादा होना ही काफी होता है।
अंतिम लफ्ज़
मेरे प्यारे मोमिनों आप ने अब तक तो जोहर की नमाज़ की नियत और नियत का सही तरीका भी समझ गए होंगे हमने यहां पर नियत की दोनो किस्म को अरबी और हिंदी में पेश किया था जिसे आप अपने मुताबिक जो अच्छा लगे उसे पढ़ कर नमाज़ आसानी से शुरू कर सकें।
अगर इसके बाद भी कोई डाउट हो तो आप कॉमेंट करके हमसे जरूर पूछें साथ ही कहीं टाइपिंग मिस्टेक या कुछ गलत लगे तो तो भी इनफॉर्म करें साथ ही अपने दोस्तों अहबाबों को भी बता कर सवाब हासिल करें इस के लिए आप को हम सब का रब जरूर अज्र देगा इंशाल्लाह तआला।
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