आज यहां पर आप Qaza Namaz Ka Tarika बहुत ही आसानी से जानेंगे क्योंकी हमने यहां पर कजा की नमाज पढ़ने का सही तरीक़ा, नियत, और भी सभी चीजें बहुत ही स्पष्ट और आसान लफ़्ज़ों में बताया है।
इसे पढ़ने के बाद आप बहुत ही आसानी कजा की नमाज अदा कर पाएंगे फिर इसके बाद आपको कहीं भी कजा की नमाज अदा करने का तरीका ढूंढनी नहीं पड़ेगी इसीलिए आप यहां पुरा ध्यान से पढ़ें।
Qaza Namaz Ka Tarika
आपको जिस भी वक्त का कजा नमाज पढ़ना हो उसका नियत सिर्फ कजा की करें बाकी सब उसी तरह पढ़ें जिस वक्त जितनी रकात कजा हो।
मेरा मतलब यह है कि अगर फजर की कजा हुई हो तो आप 2 रकात फजर की फर्ज का कजा पढ़ेंगे सब उसी प्रकार बस नियत अलग करें आप इस तरह समझें।
Qaza Namaz Ka Tarika – पहली रकात
- पहले जिस वक्त का कजा हो उसका नियत करें ।
- सभी कजा की नियत भी नीचे बताई गई है देख लें।
- इसके बाद अल्लाहू अकबर कह कर हांथ बांध लेंगे।
- फिर सना यानी सुब्हान क अल्लाहुम्मा पुरा पढ़ेंगे।
- इसके बाद अउजुबिल्लाह और बिस्मिल्लाह पढ़ेंगे।
- अब सूरह फातिहा यानी अल्हम्दु शरीफ पुरा पढ़ेंगे।
- सूरह फातिहा पुरा पढ़ कर आहिस्ते से आमिन कहें।
- इसके बाद कुरान पाक की कोई एक सूरह पढ़ेंगे।
- अब अल्लाहु अकबर कहते हुए रूकूअ में जाएंगे।
- यहां रूकूअ में 3 बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ेंगे।
- इसके बाद समिअल्लाहु लिमन हमिदह कहते हुए उठें।
- फिर उठ जाने पर रब्बना लकल हम्द भी कहेंगे।
- अब अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दा में जाएंगे।
- सज्दे में कम से कम 3 बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
- इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए उठ कर बैठ जाएं।
- फिर तुरंत अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी सज्दा करेंगे।
- दुसरी सज्दा में भी 3 बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ेंगे।
- अब अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी रकात के लिए खड़े हो जाएं।
Qaza Namaz Ka Tarika – दूसरी रकात
- यहां पर अउजुबिल्लाह और बिस्मिल्लाह पढ़ेंगे।
- फिर सूरह फातिहा पुरा पढ़ेंगे और आमिन कहेंगे।
- फिर कोई एक नमाज में पढ़ी जाने वाली सूरह पढ़ेंगे।
- इसके बाद अल्लाहु अकबर कह कर रूकूअ में जाएंगे।
- रूकूअ में कम से कम 3 बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
- फिर समिअल्लाहु लिमन हमिदह कहते हुए रूकूअ से उठें।
- ठीक रूकुअ से उठ जाने पर रब्बना लकल हम्द कहेंगे।
- फिर तुरंत अल्लाहु अकबर कहते हुए सिधे सज्दे में जाएंगे।
- सज्दे में कम से कम 3 बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ेंगे।
- अब अल्लाहु अकबर कहते हुए उठ कर बैठ जाएंगे।
- तुरंत बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी सज्दा करेंगे।
- दुसरी सज्दा में भी तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ेंगे।
- दुसरी सज्दा मुकम्मल करने के बाद अब आप।
- अल्लाहु अकबर कहते हुए तशह्हुद के लिए बैठ जाएंगे।
- इसके बाद अत्तहिय्यात यानी तशह्हुद को पुरा पढ़ेंगे।
- अत्तहिय्यात पढ़ते हुए जब अश्हदु ला पर पहुंचे।
- तो दाहिने हाथ से शहादत उंगली को खड़ा करेंगे।
- फिर इल्लाहा पर उंगली गिरा कर सीधी कर लेंगे।
- इसके बाद दुरूद शरीफ में दुरूदे इब्राहिम को पढ़ें।
- फिर इसके बाद दुआए मासुरह को पढ़ेंगे।
- अब आप इसके बाद सलाम फेर लेंगे।
- सबसे पहले अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहते हुए दाहिने तरफ गर्दन घुमाएं।
- फिर अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहते हुए बाएं जानिब गर्दन को घुमाएं।
अगर 3 या 4 रकात की कजा पढ़ना हो तो अत्तहिय्यात के बाद अल्लाहू अकबर कह कर खड़े हो जाएं।
Qaza Namaz Ka Tarika – तिसरी रकात
- यहां पर पहले अउजुबिल्लाह मिनश शैतानीर्रजीम पढ़ें।
- अब तस्मियह यानी बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहिम पढ़ेंगे।
- फिर सूरह फातिहा पुरा पढ़ेंगे और आमिन कहेंगे।
- फिर कोई एक नमाज में पढ़ी जाने वाली सूरह पढ़ेंगे।
- इसके बाद अल्लाहु अकबर कह कर रूकूअ में जाएंगे।
- रूकूअ में कम से कम 3 बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
- फिर समिअल्लाहु लिमन हमिदह कहते हुए रूकूअ से उठें।
- ठीक रूकुअ से उठ जाने पर रब्बना लकल हम्द कहेंगे।
- फिर तुरंत अल्लाहु अकबर कहते हुए सिधे सज्दे में जाएंगे।
- सज्दे में कम से कम 3 बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ेंगे।
- अब अल्लाहु अकबर कहते हुए उठ कर बैठ जाएंगे।
- तुरंत बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी सज्दा करेंगे।
- दुसरी सज्दा में भी तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ेंगे।
- दुसरी सज्दा मुकम्मल करने के बाद अब आप।
- अल्लाहु अकबर कहते हुए तशह्हुद के लिए बैठ जाएंगे।
- इसके बाद अत्तहिय्यात यानी तशह्हुद को पुरा पढ़ेंगे।
- अत्तहिय्यात पढ़ते हुए जब अश्हदु ला पर पहुंचे।
- तो दाहिने हाथ से शहादत उंगली को खड़ा करेंगे।
- फिर इल्लाहा पर उंगली गिरा कर सीधी कर लेंगे।
- इसके बाद दुरूद शरीफ में दुरूदे इब्राहिम को पढ़ें।
- फिर इसके बाद दुआए मासुरह को पढ़ेंगे।
- अब आप इसके बाद सलाम फेर लेंगे।
- सबसे पहले अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहते हुए दाहिने तरफ गर्दन घुमाएं।
- फिर अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहते हुए बाएं जानिब गर्दन को घुमाएं।
यहां भी अगर 4 रकातकी कजा पढ़ना हो तो अत्तहिय्यात के बाद अल्लाहू अकबर कह कर खड़े हो जाएं।
Qaza Namaz Ka Tarika – चौथी रकात
- यहां पर अउजुबिल्लाह और बिस्मिल्लाह पढ़ेंगे।
- फिर सूरह फातिहा पुरा पढ़ेंगे और आमिन कहेंगे।
- यहां भी कोई एक नमाज में पढ़ी जाने वाली सूरह पढ़ें।
- इसके बाद अल्लाहु अकबर कह कर रूकूअ में जाएंगे।
- रूकूअ में कम से कम 3 बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
- फिर समिअल्लाहु लिमन हमिदह कहते हुए रूकूअ से उठें।
- रूकुअ से उठ जाने पर रब्बना लकल हम्द भी कहेंगे।
- फिर तुरंत अल्लाहु अकबर कहते हुए सिधे सज्दे में जाएंगे।
- सज्दे में कम से कम 3 बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ेंगे।
- अब अल्लाहु अकबर कहते हुए उठ कर बैठ जाएंगे।
- तुरंत बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी सज्दा करेंगे।
- दुसरी सज्दा में भी तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ेंगे।
- दुसरी सज्दा मुकम्मल करने के बाद अब आप।
- अल्लाहु अकबर कहते हुए तशह्हुद के लिए बैठ जाएंगे।
- इसके बाद अत्तहिय्यात यानी तशह्हुद को पुरा पढ़ेंगे।
- अत्तहिय्यात पढ़ते हुए जब अश्हदु ला पर पहुंचे।
- तो दाहिने हाथ से शहादत उंगली को खड़ा करेंगे।
- फिर इल्लाहा पर उंगली गिरा कर सीधी कर लेंगे।
- इसके बाद दुरूद शरीफ में दुरूदे इब्राहिम को पढ़ें।
- फिर इसके बाद दुआए मासुरह को पढ़ेंगे।
- अब आप इसके बाद सलाम फेर लेंगे।
- सबसे पहले अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहते हुए दाहिने तरफ गर्दन घुमाएं।
- फिर अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहते हुए बाएं जानिब गर्दन को घुमाएं।
यहां तक आपकी 4 रकात कजा नमाज हो जाएगी यकीनन इसे आप आसानी से समझ गए होंगे।
उम्र भर की कजा हो तो इन बातों का ध्यान रखें
- फर्ज की तिसरी और चौथी रकात में तीन बार सुब्हान अल्लाह कह कर रूकुअ और सज्दा कर सकते हैं।
- रूकुअ और सज्दे में भी सिर्फ एक बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम और सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
- अत्तहियात के बाद अल्लाहुम्मा सल्ले अला मुहम्मदींव व आलेही पढ़ कर भी सलाम फेर सकते हैं।
- वित्र की कजा नमाज में दुआए कुनूत की जगह एक बार या तीन बार रब्बिगफीरली कहने के लिए हुक्म है।
फज्र की कजा नमाज की नियत
नियत की मैने 2 रकात नमाज कजा के फज्र फर्ज की अल्लाह तआला के लिए मुंह मेरा काअबा शरीफ़ की तरफ अल्लाहू अकबर।
जोहर की कजा नमाज की नियत
नियत की मैने 4 रकात नमाज कजा के जोहर फर्ज की अल्लाह तआला के लिए मुंह मेरा काअबा शरीफ़ की तरफ अल्लाहू अकबर।
असर की कजा नमाज की नियत
नियत की मैने 4 रकात नमाज कजा के असर फर्ज की अल्लाह तआला के लिए मुंह मेरा काअबा शरीफ़ की तरफ अल्लाहू अकबर।
मगरिब की कजा नमाज की नियत
नियत की मैने 3 रकात नमाज कजा के मगरिब फर्ज की अल्लाह तआला के लिए मुंह मेरा काअबा शरीफ़ की तरफ अल्लाहू अकबर।
इशा की कजा नमाज की नियत
नियत की मैने 4 रकात नमाज कजा के इशा फर्ज की अल्लाह तआला के लिए मुंह मेरा काअबा शरीफ़ की तरफ अल्लाहू अकबर।
वित्र की कजा नमाज की नियत
नियत की मैने 3 रकात नमाज कजा के वित्र वाजिब की अल्लाह तआला के लिए मुंह मेरा काअबा शरीफ़ की तरफ अल्लाहू अकबर।
उम्र के कजा नमाज की नियत
नियत की मैने (2, 3, 4) रकात नमाज़ क़जा जो मेरे जिम्मे बाकी है उनमें से पहले (फज्र, जुहर, असर, मगरिब, इशा) फर्ज अल्लाह तआला के लिए मुंह मेरा काअबा शरीफ़ की तरफ अल्लाहू अकबर।
कजा नमाज से जुड़ी कुछ जरूरी बात
कजा नमाज हमेशा छुप कर पढ़ना चाहिए।
इसे भी मकरूह वक्त के अलावा कभी भी पढ़ें।
वित्र की कजा में बगैर हाथ उठाए दुआए कुनूत पढ़ें।
अंतिम लफ्ज़
मेरे प्यारे मोमिनों आप ने अब तक तो कजा की नमाज अदा करना सिख ही गए होंगे अगर आपके मन में कोई सवाल हो तो आप हमसे कॉमेंट करके पूछ सकते हैं और इस बात को ज्यादा से ज्यादा लोगों के बीच शेयर करें जिसे वो भी सही से कजा की नमाज पढ़ सकें।
एक बात और अगर कहीं पर आपको गलत लगा हो या कहीं कुछ छूट गई हो तो भी आप हमें कॉमेंट करके इनफॉर्म करें ताकि हम अपनी गलतियां सुधार सकें हम सब से छोटी बड़ी गलतियां होती रहती है इस के लिए आप को हम सब का रब जरूर अज्र देगा इंशाल्लाह तआला।
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