Jumma Ki Namaz Ki Niyat । जुम्मा की नमाज की नियत हिंदी और अरबी

आज यहां पर आप Jumma Ki Namaz Ki Niyat हिंदी और अरबी में जानेंगे हमने यहां पर जुम्मा की नमाज की हिंदी और अरबी नियत साफ़ और आसान लफ़्ज़ों में लिखा है जिसे आप आसानी से समझ जाएंगे।

इसे पढ़ने के बाद आप आसानी से जुम्मा की नमाज की नियत कर पाएंगे फिर इसके बाद आपको कहीं पर जुम्मा की नमाज की नियत ढूढ़नी नहीं पड़ेगी इसीलिए आप यहां पर ध्यान से पुरा पढ़ें और समझें।

Jumma Ki Namaz Ki Niyat

आप भी इस बात से वाकिफ होंगे कि जुम्मा की नमाज में फर्ज सुन्नत और नफ्ल मिला कर 14 रकात नमाज अदा की जाती है सभी का नियत समझ लें।

सबसे पहले 4 रकात सुन्नत, फिर 2 रकात फर्ज, फिर 4 रकात सुन्नत, फिर 2 रकात सुन्नत और 2 रकात नफ्ल जुम्मा की नमाज में पढ़ी जाती है।

जुम्मा की 4 रकात सुन्नत की हिंदी नियत

नियत की मैंने 4 रकात नमाज सुन्नत की वास्ते अल्लाह तआला के वक्त जुम्मे का मुंह मेरा काअबा शरीफ की तरफ अल्लाहू अकबर।

जुम्मा की 4 रकात सुन्नत की अरबी नियत

नवैतुवन उसल्लीय लिल्लाही तआला आरबा रकाति सलावतिल कब्लल् जुम्अती सुन्नत रसुलल्लाहे मुतवाजि़हन इल्लाजिहातिल काअबतिश शरीफते अल्लाहू अकबर।

जुम्मा की 2 रकात फर्ज की हिंदी नियत

नियत की मैंने 2 रकात नमाज फर्ज की वास्ते अल्लाह तआला के वक्त जुम्मे का पीछे इस इमाम के मुंह मेरा काअबा शरीफ की तरफ अल्लाहू अकबर।

जुम्मा की 2 रकात फर्ज की अरबी नियत

नवैतुवन उसल्लीय लिल्लाही तआला रकाति सलावतिल जुम्अती फर्जुल्लाहे मुतवाजि़हन इल्लाजिहातिल काअबतिश शरीफते अल्लाहू अकबर।

जुम्मा बाद 4 रकात सुन्नत की हिंदी नियत

नियत की मैंने बाद जुम्मा 4 रकात नमाज सुन्नत रसूले पाक की वास्ते अल्लाह ताला के पीछे इस इमाम के मुंह मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहू अकबर।

जुम्मा बाद 4 रकात सुन्नत की अरबी नियत

नवैतुवन उसल्लीय लिल्लाही तआला आरबा रकाति सलावति बाद्अल जुम्मती सुन्नत रसुलल्लाहे मुतवाजि़हन इल्लाजिहातिल काअबतिश शरीफते अल्लाहू अकबर।

जुम्मा की 2 रकात सुन्नत की हिंदी नियत

नियत की मैंने 2 रकात नमाज जुम्मा की सुन्नत रसूले पाक की वास्ते अल्लाह के मुंह मेरा काअबा शरीफ की तरफ अल्लाहू अकबर।

जुम्मा की 2 रकात सुन्नत की अरबी नियत

नवैतुवन उसल्लीय लिल्लाही तआला रकाति सलावति बाद्अल जुम्मती सुन्नत रसुलल्लाहे मुतवाजि़हन इल्लाजिहातिल काअबतिश शरीफते अल्लाहू अकबर।

जुम्मा की 2 रकात नफिल की हिंदी नियत

नियत की मैंने 2 रकात नमाज जुम्मा की नफ्ल की सुन्नत रसूले पाक की वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काअबा शरीफ की तरफ अल्लाहू अकबर।

जुम्मा की 2 रकात नफिल की अरबी नियत

नवैतुवन उसल्लीय लिल्लाही तआला रकाति सलावति नफ्ल मुतवाजि़हन इल्लाजिहातिल काअबतिश शरीफते अल्लाहू अकबर।

जुम्मा की नमाज की नियत कैसे करें?

नियत का अल्फाज़ जब पुरा बोल लें तो अल्लाहू अकबर कहते हुए अपने हाथों को कानों तक उठाएं और कान की लौ छूकर नीचे ला कर हांथ बांध लें।

नियत इस तरह से बांधे की नाफ के नीचे पहले बाईं हथेली रखें इसके उपर दाहिनी हंथेली रखें उपर नीचे की उंगली से बाएं हांथ को पकड़ लें।

अंतिम लफ्ज़

मेरे प्यारे मोमिनों आप ने अब तक तो जुम्मा की नमाज की नियत और नियत का सही तरीका भी समझ गए होंगे हमने यहां पर नियत की दोनो किस्म को अरबी और हिंदी में पेश किया था जिसे आप अपने मुताबिक जो अच्छा लगे उसे पढ़ कर नमाज आसानी से शुरू कर सकें।

अगर इसके बाद भी कोई डाउट हो तो आप कॉमेंट करके हमसे जरूर पूछें साथ ही कहीं टाइपिंग मिस्टेक या कुछ गलत लगे तो तो भी इनफॉर्म करें साथ ही अपने दोस्तों अहबाबों को भी बता कर सवाब हासिल करें इस के लिए आप को हम सब का रब जरूर अज्र देगा इंशाल्लाह तआला।

Shah Noor is an Islamic scholar and educator with expertise in Islamic knowledge, including Quranic studies, Hadith, and Islamic law. He has over six years of experience in teaching and writing about Islamic theology.