Johar Ki Namaz Ka Tarika, Rakat, Niyat, Waqt सब कुछ जानें

आज यहां आप Johar Ki Namaz Ka Tarika बहुत ही आसानी से जानेंगे क्योंकी हमने यहां पर जोहर की नमाज पढ़ने का सही तरीक़ा, नियत, रकात सभी चीजें बहुत ही स्पष्ट और आसान लफ़्ज़ों में बताया है।

इसे पढ़ने के बाद आप बहुत ही आसानी जोहर की नमाज अदा कर पाएंगे फिर इसके बाद आपको कहीं पर भी जोहर की नमाज अदा करने का तरीका ढूंढनी नहीं पड़ेगी इसीलिए आप यहां पे पुरा ध्यान से पढ़ें।

Johar Ki Namaz Ka Tarika

आप भी शायद इस बात को जानते ही होंगे कि जोहर की नमाज में कुल मिलाकर सब 12 रकात नमाज अदा की जाती है जिसमें सुन्नत, फर्ज, नफ्ल सब शामिल है।

पहले 4 रकात सुन्नत जोहर की नमाज में पढ़ी जाती है फिर 4 रकात फर्ज इसके बाद 2 रकात सुन्नत फिर 2 रकात नफ्ल पढ़ी जाती है जोहर की नमाज में।

हम यहां पर सब नमाज को एक एक करके जानेंगे तो आप ध्यान से पढ़ें जिसे आप आसानी से जोहर की नमाज मुकम्मल पढ़ कर सवाब हासिल कर सकें।

जोहर की 4 रकात सुन्नत की पहली रकात

  • पहले जोहर की 4 रकात सुन्नत नमाज की नियत करेंगे।
  • फिर अल्लाहू अकबर कह के अपने हांथों को बांध लेंगे।
  • नीचे जोहर की नमाज की नियत लिखी हुई है समझ लें।
  • इसके बाद सना यानी सुब्हान क अल्लाहुम्मा पुरा पढ़ें।
  • फिर तअव्वुज यानी अउजुबिल्लाह मिनश शैतानीर्रजीम पढ़ें।
  • अब तस्मियह यानी बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहिम पढ़ेंगे।
  • इसके बाद सूरह फातिहा यानी अलहम्दु शरीफ पुरा पढ़ें।
  • सूरह फातिहा पुरा पढ़ने के बाद आहिस्ते से आमिन कहें।
  • फिर नमाज में पढ़ी जाने वाली सूरह से कोई एक सूरह पढ़ें।
  • इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए रूकूअ में जाएं।
  • रूकूअ में 3, 5, या 7 बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
  • फिर समिअल्लाहु लिमन हमिदह कहते हुए रूकूअ से उठें।
  • रूकूअ से उठते उठते भर में रब्बना लकल हम्द भी कहेंगे।
  • इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे में जाएं।
  • सज्दे में कम से कम तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
  • फिर अल्लाहु अकबर कहते हुए उठ कर बैठ जाएं।
  • फिर तुरंत अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी सज्दा करें।
  • दुसरी सज्दा में भी तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
  • अब अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी रकात के लिए खड़े हो जाएं‌।

जोहर की 4 रकात सुन्नत की दूसरी रकात

  • पहले यहां अउजुबिल्लाह और बिस्मिल्लाह शरीफ पढ़े।
  • फिर सूरह फातिहा पढ़ें और पुरा पढ़ने पर आमिन कहें।
  • फिर इसके बाद कोई भी छोटी या बड़ी सूरह को पढ़ें।
  • अब अल्लाहु अकबर कहते हुए रूकूअ में जाएं।
  • रूकूअ में 3, 5, या 7 बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
  • फिर समिअल्लाहु लिमन हमिदह कहते हुए रूकूअ से उठें।
  • रूकूअ से उठते उठते भर में रब्बना लकल हम्द भी कहेंगे।
  • इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे में जाएं।
  • सज्दे में कम से कम तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
  • फिर अल्लाहु अकबर कहते हुए उठ कर बैठ जाएं।
  • फिर तुरंत अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी सज्दा करें।
  • दुसरी सज्दा में भी तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
  • अब अल्लाहु अकबर कहते हुए उठ कर बैठ जाएं और तशह्हुद पढ़ें।
  • तशह्हुद यानी अत्तहिय्यात पढ़ते हुए जब कलिमें ला पर पहुंचे तो दाहिने हाथ से शहादत उंगली खड़ा करें।
  • इसके बाद तुरंत इल्ला पर गिरा दें और अल्लाहु अकबर कहते हुए तीसरी रकात के लिए खड़े हो जाएं।

जोहर की 4 रकात सुन्नत की तीसरी रकात

  • यहां पर पहले अउजुबिल्लाह मिनश शैतानीर्रजीम पढ़ें।
  • अब तस्मियह यानी बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहिम पढ़ेंगे।
  • इसके बाद सूरह फातिहा यानी अलहम्दु शरीफ पुरा पढ़ें।
  • सूरह फातिहा पुरा पढ़ने के बाद आहिस्ते से आमिन कहें।
  • फिर कोई भी एक कुरान पाक की सूरह को पढ़ें।
  • इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए रूकूअ में जाएं।
  • रूकूअ में 3, 5, या 7 बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
  • फिर समिअल्लाहु लिमन हमिदह कहते हुए रूकूअ से उठें।
  • रूकूअ से उठते उठते भर में रब्बना लकल हम्द भी कहेंगे।
  • इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे में जाएं।
  • सज्दे में कम से कम तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
  • फिर अल्लाहु अकबर कहते हुए उठ कर बैठ जाएं।
  • फिर तुरंत अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी सज्दा करें।
  • दुसरी सज्दा में भी तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
  • अब अल्लाहु अकबर कहते हुए चौथी रकात के लिए खड़े हो जाएं‌।

जोहर की 4 रकात सुन्नत की चौथी रकात

  • यहां भी पहले अउजुबिल्लाह और बिस्मिल्लाह पुरा पढ़ें।
  • फिर सूरह फातिहा पुरा पढ़ेंगे और आमिन कहेंगे।
  • फिर यहां भी कोई एक छोटी या बड़ी सूरह को पढ़ेंगे।
  • इसके बाद अल्लाहु अकबर कह कर रूकूअ में जाएंगे।
  • रूकूअ में कम से कम 3 बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
  • फिर समिअल्लाहु लिमन हमिदह कहते हुए रूकूअ से उठें।
  • रूकुअ से उठ जाने पर रब्बना लकल हम्द भी कहेंगे।
  • फिर तुरंत अल्लाहु अकबर कहते हुए सिधे सज्दे में जाएंगे।
  • सज्दे में कम से कम 3 बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ेंगे।
  • अब अल्लाहु अकबर कहते हुए उठ कर बैठजाएंगे।
  • तुरंत बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी सज्दा करेंगे।
  • दुसरी सज्दा में भी तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ेंगे।
  • दुसरी सज्दा मुकम्मल करने के बाद अब आप।
  • अल्लाहु अकबर कहते हुए तशह्हुद के लिए बैठ जाएंगे।
  • इसके बाद अत्तहिय्यात यानी तशह्हुद को पुरा पढ़ेंगे।
  • अत्तहिय्यात पढ़ते हुए जब अश्हदु ला पर पहुंचे।
  • तो दाहिने हाथ से शहादत उंगली को खड़ा करेंगे।
  • फिर इल्लाहा पर उंगली गिरा कर सीधी कर लेंगे।
  • इसके बाद दुरूद शरीफ में दुरूदे इब्राहिम को पढ़ें।
  • फिर इसके बाद दुआए मासुरह को पढ़ेंगे।
  • अब आप इसके बाद सलाम फेर लेंगे।
  • सबसे पहले अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहते हुए दाहिने तरफ गर्दन घुमाएं।
  • फिर अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहते हुए बाएं जानिब गर्दन को घुमाएं।

यहां तक आपकी 4 रकात सुन्नत जोहर की नमाज की हो गई अब दुआ करके आगे 4 रकात जोहर की नमाज का फर्ज अदा करें कुछ इस तरह।

जोहर की 4 रकात फर्ज नमाज का तरीका

सबसे पहले इस बात को जानना चाहीए कि इस जोहर की 4 रकात फर्ज नमाज को दो तरीकों से पढ़ी जाती है अकेले में और इमाम के पीछे।

अगर आप इसका सही तरीका जानना चाहते हैं तो आप इस लिंक 4 रकात फर्ज नमाज का तरीका पर क्लिक करके पढ़ कर समझ लें।

हमने इसमें 4 रकात फर्ज नमाज पढ़ने का दोनों तरीकों को एक एक करके बहुत ही अच्छे तरीके से स्टेप टू स्टेप बताया है आप आसानी से समझ जाएंगे।

जोहर की 2 रकात सुन्नत नमाज का तरीका

इसे तो आप अदा कर ही लेंगे जोहर की सुन्नत नमाज की तरह ही बिल्कुल है उसमें आपको 4 रकात सुन्नत नमाज अदा करना था यहां 2 रकात है।

अगर आप इसे भी जानना चाहते हैं तो आप इस लिंक 2 रकात सुन्नत नमाज का तरीका पर क्लिक करके समझ लें यहां पर डिटेल्स में लिखा गया है।

जोहर की 2 रकात नफ्ल नमाज का तरीका

जोहर की नमाज में 2 रकात नफ्ल नमाज आप इसका सुन्नत नमाज की तरह ही पढ़ें सिर्फ नियत अलग करें बाकी सब उसी तरह पढ़ेंगे।

अगर आप इसे भी डिटेल्स चाहते हैं तो आप इस 2 रकात नफ्ल नमाज का तरीका पर क्लिक करके समझ लें इसके बाद आप को कोई दिक्कत नहीं आएगी।

जोहर की 4 रकात सुन्नत नमाज की नियत

नियत की मैने 4 रकात नमाज़ ज़ोहर की सुन्नत रसूले पाक की वास्ते अल्लाह तआला के रुख मेरा काअबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।

जोहर की 4 रकात फर्ज नमाज की नियत

नियत की मैने नमाज़ ज़ोहर की 4 रकात फर्ज़ वास्ते अल्लाह तआला के रुख मेरा काअबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।

इमाम के पीछे इस तरह नियत करें

नियत की मैने नमाज़ ज़ोहर की 4 रकात फर्ज़ वास्ते अल्लाह तआला के पीछे इस इमाम के रुख मेरा काअबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।

जोहर की 2 रकात सुन्नत नमाज की नियत

नियत कि मैंने 2 रकात नमाज जोहर की सुन्नत रसूले पाक की फर्ज़ के बाद वास्ते अल्लाह तआला के रूख मेरा काअबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।

जोहर की 2 रकात नफ्ल नमाज की नियत

नियत कि मैंने 2 रकात नमाज जोहर की नफ्ल वास्ते अल्लाह तआला के रूख मेरा काअबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।

जोहर की नमाज की रकात समझें

जोहर की नमाज में सब मिलाकर 12 रकात नमाज अदा करना होता है सबसे पहले 4 रकात सुन्नत जोहर की नमाज में अदा करना चाहिए।

इसके बाद 4 रकात फर्ज नमाज जिसे आप अकेले या इमाम के साथ भी पढ़ सकते हैं खास कर पुरुष हजरात इसके बाद फिर 2 रकात सुन्नत पढ़ें।

अब आखिर में 2 रकात नफ्ल भी पढ़ना है और इसी तरह पूरा नमाज अदा करके आप पुरा 12 रकात जोहर की नमाज पढ़ कर मुकम्मल करें।

जोहर की नमाज का वक्त समझें

जोहर की नमाज अदा करने का वक्त दिन ढलते ही शुरू हो जाता है लेकीन अज़ान का हुक्म अगर सुनाई देता हो तो इसके बाद ही नमाज अदा करें।

जोहर की नमाज का वक्त उस वक्त खत्म हो जाता है जब किसी भी चीज़ का परछाई दोगुनी होने लगे इसके बाद जोहर की नमाज नहीं अदा की जा सकती।

अंतिम लफ्ज़

मेरे प्यारे मोमिनों आप ने अब तक तो जोहर की नमाज अदा करना सिख ही गए होंगे अगर आपके मन में कोई सवाल हो तो आप हमसे कॉमेंट करके पूछ सकते हैं और इस बात को ज्यादा से ज्यादा लोगों के बीच शेयर करें जिसे वो भी सही से जोहर की नमाज पढ़ सकें।

एक बात और अगर कहीं पर आपको गलत लगा हो या कहीं कुछ छूट गई हो तो भी आप हमें कॉमेंट करके इनफॉर्म करें ताकि हम अपनी गलतियां सुधार सकें हम सब से छोटी बड़ी गलतियां होती रहती है इस के लिए आप को हम सब का रब जरूर अज्र देगा इंशाल्लाह तआला।

Shah Noor is an Islamic scholar and educator with expertise in Islamic knowledge, including Quranic studies, Hadith, and Islamic law. He has over six years of experience in teaching and writing about Islamic theology.