Shab E Barat Ki Namaz Ka Tarika । शब ए बारात की नमाज का सही तरीका

आज यहां आप Shab E Barat Ki Namaz Ka Tarika बहुत ही आसानी से जानेंगे क्योंकी हमने यहां पर शब ए बारात की नमाज पढ़ने का सही तरीक़ा, नियत, रकात सभी चीजें बहुत ही स्पष्ट और आसान लफ़्ज़ों में बताया है।

इसे पढ़ने के बाद आप बहुत ही आसानी शब ए बारात की नमाज अदा कर पाएंगे फिर इसके बाद आपको कहीं पर भी शब ए बारात की नमाज अदा करने का तरीका ढूंढनी नहीं पड़ेगी इसीलिए आप यहां पे पुरा ध्यान से पढ़ें।

Shab E Barat Ki Namaz Ka Tarika

आप यहां पर एक बात को याद रखें कि शब ए बारात की रात में एक से बढ़कर एक कई तरह की फजीलत और रहमत भरी नमाज अदा किया जाता है।

हमने यहां पर शब ए बारात की रात में पढ़ी जाने वाली सभी नमाज़ों का सही तरीका बताया है आप पुरा ध्यान से पढ़ें और समझें और अमल भी करें।

Shab E Barat Ki Namaz Ka Tarika – पहली रकात

  • यहां पहले शब ए बारात की 2 रकात नमाज की नियत करें।
  • हमने नीचे शब ए बारात की नमाज की नियत भी बताई है।
  • फिर इसके बाद अल्लाहु अकबर कह कर हांथ बांध लेंगे।
  • इसके बाद सना यानी सुब्हान क अल्लाहुम्म पुरा पढ़ेंगे।
  • अब तअव्वुज यानी अउजुबिल्लाहि मिनश शैतानिर्रजीम पढ़ें।
  • फिर तस्मियह यानी बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहीम पढ़ें।
  • अब इसके बाद सुरह फातिहा यानि अल्हम्दु शरीफ को पढ़े।
  • सूरह फातिहा पूरा पढ़ कर आहिस्ते से आमिन भी कहेंगे।
  • फिर सुरह इख्लास कुल हू वल्लाहु शरीफ 10 मरतबा पढ़े।
  • अब अल्लाहु अकबर कहते हुए रूकूअ में जाएंगे।
  • यहां रूकूअ में 3 बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ेंगे।
  • इसके बाद समिअल्लाहु लिमन हमिदह कहते हुए उठें।
  • फिर उठ जाने पर रब्बना लकल हम्द भी कहेंगे।
  • अब अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दा में जाएंगे।
  • सज्दे में कम से कम 3 बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
  • इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए उठ कर बैठ जाएं।
  • फिर तुरंत अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी सज्दा करेंगे।
  • दुसरी सज्दा में भी 3 बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ेंगे।
  • यहां तक आपकी शब ए बारात की 1 रकात नमाज़ हो गई।
  • अब अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी रकात के लिए खड़े हो जाएं।

Shab E Barat Ki Namaz Ka Tarika – दुसरी रकात

  • यहां पर पहले अउजुबिल्लाह और बिस्मिल्लाह पढ़ें।
  • इसके बाद सूरह फातिहा पुरा पढ़ कर आमिन कहेंगे।
  • यहां भी सुरह इख्लास को 10 मरतबा ही पढ़ना है।
  • अब अल्लाहु अकबर कहते हुए रूकूअ में जाएंगे।
  • यहां रूकूअ में 3 बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ेंगे।
  • इसके बाद समिअल्लाहु लिमन हमिदह कहते हुए उठें।
  • फिर उठ जाने पर रब्बना लकल हम्द भी कहेंगे।
  • अब अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे में जाएंगे।
  • सज्दे में कम से कम 3 बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
  • इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए उठ कर बैठ जाएं।
  • फिर तुरंत अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी सज्दा करेंगे।
  • दुसरी सज्दा में भी 3 बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ेंगे।
  • दुसरी सज्दा मुकम्मल करने के बाद अब आप।
  • अल्लाहु अकबर कहते हुए तशह्हुद के लिए बैठ जाएंगे।
  • इसके बाद अत्तहिय्यात यानी तशह्हुद को पुरा पढ़ेंगे।
  • अत्तहिय्यात पढ़ते हुए जब अश्हदु ला पर पहुंचे।
  • तो दाहिने हाथ से शहादत उंगली को खड़ा करेंगे।
  • फिर इल्लाहा पर उंगली गिरा कर सीधी कर लेंगे।
  • इसके बाद दुरूद शरीफ में दुरूदे इब्राहिम को पढ़ें।
  • फिर इसके बाद दुआए मासुरह को पढ़ेंगे।
  • अब आप इसके बाद सलाम फेर लेंगे।
  • सबसे पहले अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहते हुए दाहिने तरफ गर्दन घुमाएं।
  • फिर अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहते हुए बाएं जानिब गर्दन को घुमाएं।

यहां तक आपकी शब ए बारात की 2 रकात नमाज की दोनों रकात मुकम्मल हो जाएगी, आप इस तरह 2 – 2 रकात करके 12 रकात नमाज पढ़ें शब ए बारात की रात में।

हर दो रकात के बाद चौथा कलमा 10 बार, 10 बार तीसरा कलमा और 100 मरतबा दुरूद शरीफ पढ़ें जो भी दरूद ए पाक आपको याद हो जेहन में हो।

शब ए बारात की नमाज का सही तरीका

यहां पर हमने शब ए बारात की रात में पढ़ी जाने वाली सभी नमाज़ों का सही तरीका को बताया है यहां आप पूरी जानकारी को गौर से पढ़ें।

शब ए बारात में 2 – 2 रकात करके 100 रकात नमाज उसी तरह से अदा करें कि हर रकात में सूरह फातिहा के बाद 10 मरतबा सूरह इखलास पढ़ेंगे।

इसकी फजीलत यूं है कि पढ़ने वाले पर अल्लाह तआला सत्तर दफा निगाह फरमाएगा हर निगाह सत्तर हाजत पुरी करेगा छोटी हाजत उसकी मग़फिरत व बख़्शिश है।

शब ए बारात की नमाज में एक नमाज अपने गुनाह की माफी और उम्र में बरकत के लिए 10 रकात 2 – 2 रकात की नियत से इस तरह पढ़ें।

हर रकात में सूरह फातिहा पढ़ने के बाद सूरह इखलास 11 बार पढ़े यह हुज़ूर अक़दस सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम का फरमान है।

शब ए बारात में मगरिब बाद 2 – 2 रकात की नियत करके 6 रकात नमाज बाकी नफ्ल नमाज की तरह ही पढ़ना है सिर्फ मंशा इस तरह करें।

पहली 2 रकात उम्र दराज़ी के लिए, फिर 2 रकात बला से रक्षा के लिए और आखिर के 2 रकात गैरों की मुहताजी से रक्षा और अल्लाह की मोहताजी हो सिर्फ।

इसको डिटेल्स में जानने के लिए इस लिंक शब ए बारात की 6 रकात नफ्ल नमाज का तरीका पे क्लिक करके जानें यहां पर पुरी जानकारी दी गई है।

शब ए बारात की रात में एक बार 4 रकात सलातुल तस्बीह की नमाज भी जरूर अदा कर लें इसकी भी फजीलत बेशुमार है इसका जरूर ख्याल रखें।

Shab E Barat Ki Namaz Ki Niyat

नियत कि मैंने 2 रकात नमाज शब ए बरात की नफ्ल वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काअबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।
अरबी में करना हो तो इस तरह से करें


नवैतुवन उसल्लीय लिल्लाही तआला रकाति सलावतिल नफ्ली मुतवाजि़हन इल्लाजिहातिल काअबतिश सरीफती अल्लाहू अकबर।

गौर फरमाएं :- हर दो रकात शबे बरात की नमाज की नियत इसी तरह से होगी नियत में अल्लाहू अकबर कहते हुए नियत बांध लेना है।

Shab E Barat Ki Namaz Ki Rakat

अगर आप ने पुरा बात ध्यान से पढ़ा होगा तो हमने बताया कि सबसे पहले 12 रकात नमाज शब ए बारात में अदा करें फिर 100 रकात नमाज अदा करें।

शब ए बारात की नमाज में फिर 10 रकात नमाज अदा करें इसके बाद इन सब से पहले मगरिब के बाद 6 रकात नमाज हर बार 2 -2 रकात की नियत से अदा करें।

अगर आपका सवाल है कि कितना रकात नमाज शब ए बारात में पढ़ना है तो इसका फिक्स यानी शब ए बारात की नमाज की रकात फिक्स नहीं है।

FAQs

शब ए बारात की 6 रकात नमाज क्या है?

शब ए बारात की 6 रकात नमाज नफ्ल नमाज है।

शबे बरात में कितनी रकात नमाज पढ़ी जाती है?

शबे बरात में नमाज की रकात की कोई फिक्स नहीं है।

अंतिम लफ्ज़

मेरे प्यारे मोमिनों आप ने अब तक तो शब ए बारात की नमाज अदा करना सिख ही गए होंगे अगर आपके मन में कोई सवाल हो तो आप हमसे कॉमेंट करके पूछ सकते हैं और इस बात को ज्यादा से ज्यादा लोगों के बीच शेयर करें जिसे वो भी सही से शब ए बारात की नमाज पढ़ सकें।

एक बात और अगर कहीं पर आपको गलत लगा हो या कहीं कुछ छूट गई हो तो भी आप हमें कॉमेंट करके इनफॉर्म करें ताकि हम अपनी गलतियां सुधार सकें हम सब से छोटी बड़ी गलतियां होती रहती है इस के लिए आप को हम सब का रब जरूर अज्र देगा इंशाल्लाह तआला।

Shah Noor is an Islamic scholar and educator with expertise in Islamic knowledge, including Quranic studies, Hadith, and Islamic law. He has over six years of experience in teaching and writing about Islamic theology.