Shab E Meraj Ki Namaz Ki Niyat । शब ए मेराज की नमाज की नियत

आज यहां पर आप Shab E Meraj Ki Namaz Ki Niyat हिंदी और अरबी में जानेंगे हमने यहां पर शब ए मेराज की नमाज की नियत हिंदी और अरबी नियत भी हिंदी के आसान लफ़्ज़ों में बताया है।

इसे पढ़ने के बाद आप बहुत ही आसानी से शब ए मेराज की नियत कर पाएंगे यकीनन इसके बाद फिर आपको कहीं पर भी शब ए मेराज की नमाज की नियत नहीं ढूढनी पड़ेगी इसीलिए आप यहां ध्यान से पुरा पढ़ें।

Shab E Meraj Ki Namaz Ki Niyat

शब ए मेराज की रात 2 – 2 रकात की नियत से नमाज अदा की जाती है आप यहां पर उसी 2 रकात की नियत जानेंगे तो ध्यान से पढ़ें।
और इसी 2 – 2 रकात की नियत से 8 रकात, 12 रकात या आप जितना चाहें उतना अदा करें और सभी के लिए इसी तरह से नियत करेंगे।

शब ए मेराज की नमाज की हिंदी नियत

नियत की मैने 2 रकात नमाज शब ए मेराज की नफ्ल वास्ते अल्लाह तआला के रूख मेरा काअबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।

शब ए मेराज की नमाज की अरबी नियत

नवैतुवन उसल्लीय लिल्लाही तआला रकाति सलावतिल नफ्ली मुतवाजि़हन इल्लाजिहातिल काअबतिश सरीफती अल्लाहू अकबर।

शब ए मेराज की नमाज की नियत का तरीका

शब ए मेराज की नमाज की नियत इस तरह से करें कि सबसे पहले आप मक्का की रूख करके खुद खड़े हो जाएं इसके बाद नियत पढ़ें।

नियत आप अल्फाज के जरिए पढ़ सकते हैं तो पढ़ें नहीं तो दिल में इरादा रखें कि ये नमाज शब ए मेराज की अपने रब की रजा और अपने मुराद के लिए पढ़ रहा हुं।

इसके बाद यहां पर आपकी नियत का प्रोसेस हो जाएगा अब आप नियत बांधेंगे इसका भी तरीका नीचे बताया हुआ है समझ लें।

शब ए मेराज की नमाज की नियत कैसे बांधे?

शब ए मेराज की नमाज की नियत पुरा पढ़ने के बाद अल्लाहू अकबर कहते हुए अपने हाथों को कानों तक उठाएं और कान की लौ छू कर हांथ नीचे लाएं।

हांथ को नीचे ला कर अगर आप औरत हैं तो आप नियत सीने पर बांधे लेकीन अगर पुरुष हैं तो आप अपना नियत नाफ़ के नीचे बांधे।

इस तरह से कि पहले बायां हाथ की हंथेली नीचे रखेंगे इसके उपर में दाहिनी हंथेली रखेंगे और उपर नीचे से एक एक उंगली से नीचे की हांथ पकड़ लेंगे।

यहां पर ध्यान दें उपर में सिर्फ तीन उंगली ही रहना चाहिए और नियत आपको कलाई पर बांधनी है यानी उंगली से कलाई पर पकड़नी है।

अंतिम लफ्ज़

मेरे प्यारे मोमिनों आप भी इस बात को अब तक तो जान ही गए होंगे शब ए मेराज की नमाज की नियत और शब ए मेराज की नियत का तरीका यहां पर नियत दोनों भाषाओं में लिखी हुई थी जिसे आप को जो कंफर्टेबल लगे उसी का यूज करके नमाज शुरू आसानी से कर सकें।

एक बात पर आप भी शायद गौर किए होंगे की हम शब ए मेराज की नियत में नफ्ल क्यों बोल रहे हैं तो ये नफ्ल ही है इसका दिन, वक्त और नियत इसे खासियत और शब ए मेराज की नमाज बताती है नहीं तो सब आपको इसका नमाज़ में भी कॉमन ही पढ़ने की होती है।

हमारी बातों को आप समझ गए होंगे अगर समझने में दिक्कत आ रही हो तो भी कोई बात नहीं आप हमसे कॉमेंट करके ज़रूर पूछें, पढ़ने और समझने से बेहतर अमल में ला कर तरक्की पाएं साथ ही ऐसे इल्म को ज्यादा तादाद में लोगों तक फैला कर सवाबे आखिरत का मुस्तइक बने।

Shah Noor is an Islamic scholar and educator with expertise in Islamic knowledge, including Quranic studies, Hadith, and Islamic law. He has over six years of experience in teaching and writing about Islamic theology.

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