Janaze Ki Namaz Ka Tarika । जनाजे की नमाज पढ़ने का तरीका

आज यहां पर आप Janaze Ki Namaz Ka Tarika बहुत ही आसानी से जानेंगे क्योंकी हमने यहां पर जनाजे की नमाज पढ़ने का सही तरीक़ा, नियत, सना, और सभी चीजें बहुत ही स्पष्ट और आसान लफ़्ज़ों में बताया है।

इसे पढ़ने के बाद आप बहुत ही आसानी जनाजे की नमाज अदा कर पाएंगे फिर इसके बाद आपको कहीं पर भी जनाजे की नमाज का तरीका ढूंढनी नहीं पड़ेगी इसीलिए आप यहां पे पुरा ध्यान से पढ़ें।

Janaze Ki Namaz Ka Tarika

  • सबसे पहले आप जनाजे की नमाज की नीयत करें।
  • हमने नीचे की जानिब जनाजे की नीयत भी बताई है।
  • अब अल्लाहु अकबर कहते हुए हाथ कान तक उठाएं।
  • इसके बाद नाफ के नीचे दोनों हाथों को लाकर बांध लें।
  • अब आप जनाजे की नमाज की सना धीमें आवाज में पढ़ें।
  • हमने इसे भी नमाजे जनाजा की सना भी नीचे बताई है।
  • इसके बाद बगैर हाथ को उठाए आप अल्लाहु अकबर कहें।
  • हर बार इमाम आवाज़ में अल्लाहु अकबर कहेंगे आप धीरे कहें।
  • दूसरी बार अल्लाहू अकबर कहने के बाद दुरूदे इब्राहिम पढ़ेंगे।
  • अब बगैर हाथ को उठाए तिसरी बार अल्लाहु अकबर कहेंगे।
  • तिसरी बार अल्लाहू अकबर कहने के बाद जनाजे की दुआ पढ़ें।
  • मर्द व औरत बालिग व नाबालिग के लिए दुआ अलग अलग होती है।
  • यहां चौथी मरतबा अल्लाहु अकबर कहने पर दोनों हाथों को छोड़ दें।
  • अब आखिर में हर नमाज की तरह यहां भी सलाम फेरी जाती है।
  • अब इमाम साहब अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहेंगे तो पहले दाहिने तरफ गर्दन घुमाएं।
  • जब दुसरी बार अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहेंगे तो बाएं तरफ गर्दन को घुमाएं।

यहां अब आप जनाजे की नमाज मुकम्मल कर लिए अब मय्यत के लिए मगफिरत की दुआ करें सब कमांड दी जाती है आप इमाम साहब के बात पर गौर करें।

जनाजे की नमाज की नियत हिंदी में

नियत की मैंने नमाजे जनाजा कि फर्जे किफाया चार तकबीरो के साथ वास्ते अल्लाह तआला के दूरूद मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पर दुआ इस मय्यित के लिए पीछे इस इमाम के मुंह मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।

अगर आप नियत जबान से नहीं कर सकते तो भी कोई दिक्कत नहीं आप दिल में इरादा रखें यह भी काफ़ी होता है कि हम यह जनाजे की नमाज रब की रजा और मय्यित के लिए पढ़ रहा हुं तो भी आपकी नमाज कबूल हो जाएगी।

जनाजे की नमाज की सना हिंदी में

सुब्हान क अल्लाहुम्मा व बिहमदिका व तबार कस्मुका व तआला जद्दु क व जल्ला सनाउका व ला इल्लाहा गैरू क।

यहां भी अगर जनाजे की नमाज की सना या दुआ नहीं पढ़ सकते तो खामोश रहें ये जरूरी नहीं की आपको पढ़ना ही पढ़ना है यह सब उतना मेटर नहीं करता आपकी इंटेंशन और मय्यित की मगफीरत की दुआ ही काफ़ी होती है।

जनाजे की नमाज की फजीलत

हज़रते सय्यिदिना अबु हुरैरा रदियल्लाहु से रिवायत है कि हुजूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया: आज तुम में से किसने रोज़ा रखा , मिस्किन को खाना खिलाया , मरीज की इयादत की और जनाजे की नमाज में शरीक हुआ सब सवाल पर हज़रते सय्यिदिना‌ अबु बक्र सिद्दिक रजि अल्लाहु तआला अन्हु ने फ़रमाया मैंने, इस पर हुजूर फरमाएं वो जन्नत में दाखिल होगा।

हज़रते सय्यिदिना‌ अबु हुरैरा रदियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि हुजूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया जो नमाज अदा करने तक जनाजे में शरीक रहा उसके लिए एक किरात सवाब है और जो तदफीन तक शरीक रहा उसके लिए दो कीरात सवाब है पुछा गया दो कीरात क्या है? फ़रमाया दो अजीम पहाड़ों की मिसाल।

अंतिम लफ्ज़

मेरे प्यारे मोमिनों आप ने अब तक तो जनाजे की नमाज अदा करना सिख ही गए होंगे अगर आपके मन में कोई सवाल हो तो आप हमसे कॉमेंट करके पूछ सकते हैं और इस बात को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें जिसे सब लोग जनाजे की नमाज पढ़ सकें।

एक बात और अगर कहीं पर आपको गलत लगा हो या कहीं कुछ छूट गई हो तो भी आप हमें कॉमेंट करके इनफॉर्म करें ताकि हम अपनी गलतियां सुधार सकें हम सब से छोटी बड़ी गलतियां होती रहती है इस के लिए आप को हम सब का रब जरूर अज्र देगा इंशाल्लाह तआला।

Shah Noor is an Islamic scholar and educator with expertise in Islamic knowledge, including Quranic studies, Hadith, and Islamic law. He has over six years of experience in teaching and writing about Islamic theology.