Tahajjud Ki Namaz Ki Rakat Kitni Hoti Hai । तहज्जुद की नमाज की रकात

आज यहां आप Tahajjud Ki Namaz Ki Rakat Kitni Hoti Hai इसका जवाब जानेंगे हमने यहां तहज्जुद की नमाज की रकात को बहुत ही आसान और डिटेल्स में बताया है जिसे आप बहुत ही आसानी से समझ जाएंगे।

इसे पढ़ने के बाद आप आसानी से समझ जाएंगे कि तहज्जुद में कितनी रकात नमाज पढ़ना सही होता है क्या तहज्जुद में रकात की तादाद भी होती है इन सभी बातों को समझेंगे तो इस पोस्ट को आप आख़िर तक पढ़ें।

Tahajjud Ki Namaz Ki Rakat

तहज्जुद की नमाज 2 रकात की होती है आप 2 – 2 रकात ही करके चाहें तो 4 रकात, 6 रकात, या फिर 8 रकात तक पढ़ सकते हैं।

तहज्जुद की नमाज 2 रकात की नियत से ही एक बार में अदा की जाती है लेकिन ऐसा नहीं की आप 2 रकात से ज्यादा न पढ़े ज्यादा भी पढ़ सकते हैं।

यह एक खैर व बरकत हाजत के लिए नफ्ल नमाज है और आप भी शायद जानते ही होंगे कि नफ्ल नमाज में रकात की लिमिट नहीं होती।

तहज्जुद की रकात पर एक हदीस में हुजूरे अकदस सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम से 8 रकात तक साबित है यानी 2 – 2 रकात करके 4 सलाम में पूरी 8 रकात पढ़ें।

तहज्जुद की नमाज की रकात से जुड़ी एक हदीस

तहज्जुद की नमाज से जुड़ी सबसे खूबसूरत और एक बेहतरीन हदीस है जिसमें हमारे प्यारे नबी ए करीम सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया।

कि जो शख्स रात में बेदार हो और अपने अहल को जगाए फिर दोनों 2 – 2 रकात‌ पढ़े तो कसरत से यादे खुदा करने वालों में लिखे जाएंगे।

एक बात याद रखें कि तहज्जुद की नमाज बगैर नींद लिए नहीं पढ़ी जा सकती इसकी यही और इसकी नियत ही इसे तहज्जुद बताती है।

इस पाक हदीस को नसई व इब्ने माजा अपनी सुनन में और इब्ने हब्बान अपनी सही में और हकिम ने मुस्तदरक में रिवायत किया है।

साथ ही साथ इस पाक हदीस को मुनजिरी ने कहा कि यह हदीस शैखैन की शर्त पर बहुत ही सही है। – रद्दुल मुहतार।

तहज्जुद में रकातों की अधिकतम संख्या कितनी है?

हमने उपर में ही इस बात को बताया कि तहज्जुद की नमाज एक नफिल नमाज है और आप भी जानते होंगे कि नफिल की रकात फिक्स नहीं होती।

लेकिन अगर आप उपर लिखी हदीस के मुताबिक़ तहज्जुद की रकात अदा करें तो आप 2-2 रकात की नियत से 8 रकात अदा करें ये बेहतर है।

आप अपने मुताबिक चाहें तो 12 रकात भी पढ़ सकते हैं ऐसा नहीं की कुबूल नहीं होगी बल्कि और बेहतर होगा कि आपने ज्यादा नमाज अदा की।

तहज्जुद की नमाज सुन्नत है या नफील?

तहज्जुद की नमाज एक तरह का नफील नमाज ही है लेकीन इसका दर्जा मरतबा, आला, शान बाकी नफील नमाज़ों से कहीं ज्यादा है।

इसे अदा करने से पहले की कुछ शर्तें जो इसे ख़ास बनाते हैं क्योंकी इसे अदा करने के लिए आपको नींद से बेदार होना ही चाहिए।

अंतिम लफ्ज़

मेरे प्यारे मोमिनों अब तक तो आप समझ गए होंगे कि तहज्जुद की नमाज की रकात कितनी होती है कितनी रकात पढ़ना चाहिए और कितना पढ़ना बेहतर होता है हमने यहां पर पुरा इल्म साफ़ लफ्ज़ों में लिखा था जिसे आप आसानी से समझ जाएं और फिर दिक्कत न आए।

अगर आपको कहीं पर कुछ समझने में दिक्कत आ रही हो या कहीं पर कुछ गलत लगा हो तो भी कॉमेंट करके हमें इन्फॉर्म करें ताकि हम अपनी गलतियां सुधार सकें हम सब से छोटी बड़ी गलतियां होती रहती है इस के लिए आप को हम सब का रब जरूर अज्र देगा इंशाल्लाह तआला।

Shah Noor is an Islamic scholar and educator with expertise in Islamic knowledge, including Quranic studies, Hadith, and Islamic law. He has over six years of experience in teaching and writing about Islamic theology.

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