Namaz Ka Tarika । नमाज़ का सही तरीका

आज यहां पर आप Namaz Ka Tarika बहुत ही आसान और साफ़ लफ्ज़ों में जानेंगे हमने यहां पर नमाज पढ़ने के तरीका बहुत आसान शब्दों में बताया है जिसे आप आसानी से पढ़ कर समझ जाएंगे।

इसे पढ़ने के बाद आप बहुत ही आसानी से सभी तरह की नमाज अदा कर पाएंगे क्योंकि हमने नीचे हर तरह की नमाज का तरीका का लिंक भी पेश की है जिसे आप हर तरह की नमाज आसानी से पढ़ सकें।

Namaz Ka Tarika

आप भी शायद इस बात को जानते ही होंगे कि एक नमाज में 2, 3 या 4 रकात पढ़ी जाती है हमने यहां पर हर रकात का सही तरीका को अदा करने का तरीका बताया है।

यहां पर हर रकात को एक एक करके स्टेप बाय स्टेप बताया है अगर आप यहां ध्यान से पढ़ेंगे तो आसानी से नमाज अदा करना सीख जाएंगे।

सबसे पहले सही से गुस्ल और वजू करके किब्ला की तरफ़ रुख करके खड़े हो जाएं और इसके बाद आगे की हर स्टेप को फॉलो करें।

नमाज का सही तरीका जानने से पहले नीचे लिखी नमाज से जुड़ी जानकारी को भी हासिल करें इसके बाद आपको नमाज का तरीका जानना चाहिए

इन्हें जरुर जानें
नमाज़ के शराइत
नमाज़ के फ़राइज़
नमाज़ की सुन्नत
नमाज़ के वाजिबात

#1. पहले नमाज की नियत करें

  • जिस वक्त का नमाज या जो भी नमाज हो उसका नियत करके अल्लाहू अकबर कह कर हाथों को बांध लेना है।

#2. नमाज की सना पढ़ें

  • नमाज की सना यानी सुब्हान क अल्लाहुम्मा व बिह्मदि क व तबारकसमू क व तआला जद्दूक व ला इल्लाहा गैरूक पढ़ें।

#3. इसके बाद सूरह फातिहा पढ़ें

  • एक ख्याल रहे कि सूरह फातिहा पढ़ने से पहले अउजुबिल्लाह मिनश शैतानिर्रजिम और बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहिम पढ़ें फिर सूरह फातिहा पढ़ें।
  • अलहम्दु लिल्लाहि रब्बिल आलमिन
  • अर्रहमा निर्रहीम
  • मालिकि यौमिद्दिन
  • इय्याका नअबुदु व इय्याका नस्तईन
  • इहदिनस सिरातल मुस्तकी म
  • सिरातल लजी न अन अम्ता अलैहिम
  • गैरिल मगदूबि अल्लैहिम वलद्दाल्लीन
  • इसके बाद यहां पर आहिस्ते से आमिन कहना होता है इसके बाद सूरह या आयत पढ़ी जाती है।

#4. फिर सूरह या आयत पढ़ें

  • यहां पर एक कोई कुरान पाक की सूरह या तीन छोटी आयत जो एक सूरह के बराबर हो उसे पढ़नी होती है मिसाल के लिए एक सूरह जान लें।
  • बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहीम
  • कुल हु वल्लाहु अहद
  • अल्लाहुस्समद
  • लम य लिद वलम यूलद
  • व लमय कुल्लहु कुफुवन अहद

#5. इसके बाद रूकुअ करें

  • अब अल्लाहू अकबर कहते हुए रूकुअ में जाएं और यहां पर कम से कम 3 मरतबा, 5 मरतबा या 7 मरतबा रूकुअ का तस्बीह पढ़ें।
  • सुब्हान रब्बियल अज़ीम
  • सुब्हान रब्बियल अज़ीम
  • सुब्हान रब्बियल अज़ीम
  • इसके बाद समी अल्लाहु लिमन हमिदह और रब्बना लकल हम्द कहते हुए रूकुअ से उठेंगे फिर तुरंत फौरन ही आप सज्दा भी करेंगे।

#6. अब सज्दा करें

  • यहां अल्लाहू अकबर कहते हुए सज्दे में जाएं और सज्दे में जाने के बाद यहां भी कम से कम 3 मरतबा सज्दे की तस्बीह पढ़नी होती है।
  • सुब्हान रब्बियल अला
  • सुब्हान रब्बियल अला
  • सुब्हान रब्बियल अला
  • यहां तक आपकी एक रकात नमाज मुकम्मल हो जाएगी अब इसके बाद अल्लाहू अकबर कहते हुए दुसरी रकात नमाज का अदा करेंगे।

#7. नमाज की दुसरी रकात

  • पहले अउजुबिल्लाह मिनश शैतानिर्रजिम पढ़ें फिर बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहिम पढ़ कर सूरह फातिहा पढ़ें और आमिन कह कर कोई सूरह पढ़ें।
  • इसके बाद पहली बार की तरह ही रूकुअ और सज्दा करें और यहां पर भी रूकुअ और सज्दे की तस्बीह तीन तीन मरतबा पढ़ना है।

#8. अब अत्तहियात पढ़ें

  • दोनों सज्दा कर लेने के बाद बैठ जाएं और अत्तहियात पढ़ें जब अत्तहियात पढ़ते हुए कलिमे ला पर पहुंचे तो शहादत उंगली को खड़ा करें।
  • अत्तहियातु लिल्लाहि वस्सला वातु
  • वत्तय्यिबातु अस्सलामु अलैक अय्युहन्नबियु
  • व रहमतुल्लाही व बरकातुहू अस्सलामु अलैना
  • व अला इबादिल्लाहि – स्सालिहीन
  • अश्हदु अल्लाइल्लाह इल्लल्लाहु
  • व अश्हदु अन्ना-मुहम्मदन अब्दुहू व रसुलुहू
  • इसके बाद तुरन्त इल्ला पर उंगली गिरा दें फिर अगर 3 या 4 रकात नमाज पढ़नी हो तो यही से अल्लाहू अकबर कहते हुए उठ जाएं गर नहीं तो ध्यान दें।

#9. अब दुरूदे इब्राहिम पढ़ें।

  • अगर नमाज खत्म करनी हो या वो 2 रकात की आखिर हो या 3 रकात की आखिर हो या 4 रकात की अत्तहियात के बाद दुरूदे इब्राहिम पढ़ें।
  • अल्लाहुम्मा सल्लि अला सय्यिदिना मुहम्मदिंव
  • व अला आलि सय्यिदिना मुहम्मदिन
  • कमा सल्लैता अला सय्यिदिना इब्राहीमा
  • व अला आलि सय्यिदिना इब्राहिमा इन्नका हमीदुम मजीद
  • अल्लाहुम्मा बारिक अला सय्यिदिना मुहम्मदिंव
  • व अला आलि सय्यिदिना मुहम्मदिन
  • कमा बारकता अला सय्यिदिना इब्राहिमा
  • व अला आलि सय्यिदिना इब्राहिमा इन्नका हमीदुम मजीद.

#10. इसके बाद दुआए मासूरा पढ़ें

  • नमाज के आखिर में दुआए मासूरा पढ़ा जाता है फिर इसके बाद आप सलाम फेर कर नमाज को खत्म करेंगे।
  • अल्लाहुम् म इन्नी जलम्तु
  • नफ्सी जुल्मन कसीरंव
  • वला यग्फिरूज् जुनूबा
  • इल्ला अन्ता फग़फिरली
  • मगफिरतम मिन इन दिका
  • व रहमनी इन्नका अन्तल गफूरुर्रहिम
  • अगर आपको अल्लाहु मगफिरली याद हो तो वो या ये किसी को भी पढ़ सकते हैं कोई याद न हो तो अल्लाहुम्म रब्बना आतिना फिद् दुनिया ह स न तवं व फिल आखिरती ह स न तवं व किन्ना अजाबन्नार भी पढ़ सकते हैं।

#11. अब सलाम फेर लेंगे

  • सलाम इस तरह से फेरे पहले अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहते हुए दाहिने जानिब गर्दन घुमाएंगे फिर कहते हुए बाएं तरफ गर्दन को घुमाएं।
  • यहां आपकी नमाज हो जाएगी यह रहा नमाज का तरीका इस तरह से ही पांच वक्त की नमाज और लगभग सभी नमाज पढ़ी जाती है।
  • हमने नीचे इस्लाम में पढ़ी जाने वाली सभी नमाज का तरीका का लिंक दिया है जिसपे आप क्लिक करके हर नमाज का तरीका जान सकते हैं।
पांच वक़्त की नमाज़
फजर की नमाज़ का तरीका
जोहर की नमाज का तरीका
असर की नमाज का तरीका
मगरिब की नमाज का तरीका
ईशा की नमाज़ का तरीका
जुम्मा की नमाज़
जुम्मा की नमाज़ का तरीका
नफ्ल नमाजें
तहज्जुद की नमाज़ का तरीका
सलातुल तस्बीह की नमाज़ का तरीका
सलातुल हाजत की नमाज़ का तरीका
सलातुल तौबा की नमाज़ का तरीका
इस्तिखारा की नमाज़ का तरीका
इशराक की नमाज़ का तरीका
चाश्त की नमाज़ का तरीका
खास दिनों और वक़्त की नमाज़
शब ए मेराज की नमाज़ का तरीका
शब ए बारात की नमाज़ का तरीका
शब ए बारात की 6 रकात नफ्ल नमाज़ का तरीका
तरावीह की नमाज़ का तरीका
शब ए कद्र की नमाज़ का तरीका
आशूरा की नमाज़ का तरीका
ईदैन की नमाज़
ईद उल फ़ित्र की नमाज़ का तरीका
ईद उल अजहा की नमाज़ का तरीका

अंतिम लफ्ज़

मेरे प्यारे मोमिनों आप ने अब तक तो सभी नमाज का तरीका जान ही गए होंगे उपर में हमने नमाज का तरीका बता कर फिर हर नमाज का लिंक भी प्रोवाइड किया जिसे आप किसी भी नमाज को सही तरीके से आसानी से अदा कर सकें कोई डाउट ना हो अदा करने में।

अगर अभी भी आपके जहन में नमाज का तरीका से जुड़ी कोई सवाल या फिर डाउट हो तो आप हमसे कॉमेंट करके ज़रूर पूछें हम आपके सभी डाउट का हल देंगे अगर कहीं पर लिखने में गलती हुई हो तो भी आप कॉमेंट करके इनफॉर्म करें जिसे अपनी गलती सुधार सकें शुक्रिया।

Shah Noor is an Islamic scholar and educator with expertise in Islamic knowledge, including Quranic studies, Hadith, and Islamic law. He has over six years of experience in teaching and writing about Islamic theology.